Entertainment: “किशोर कुमार” सिनेमा जगत का ऐसा नाम जिसका योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता। अपनी जादूई आवाज की वजह से पहचाने जाने वाले बहुमुखी प्रतिभा के धनी सिंगर किशोर को दुनिया से अलविदा कहे 35 साल बीत चुके हैं लेकिन, वे आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं और हमेशा रहेंगे। आज भी किशोर कुमार के गाने दिल छू जाते हैं। वहीं गानों के अलावा उन्होंने अपने अभिनय की प्रतिभा भी कई फिल्मों में साबित की। तो चलिए आज हम आपको किशोर कुमार की जिंदगी से जुड़े कुछ अनोखे अनसुने किस्सों के बारे में बताते हैं-
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किशोर कुमार कैंटीन में उधार खाना खाते थे
किशोर कुमार का जन्म मध्य प्रदेश के खंडवा में 1929 में हुआ था। उनके पिता का नाम कुंजीलाल गांगुली था। उनके पिता पेशे से वकील थे और मां एक गृहणी थीं। उनका असली नाम आभास कुमार गांगुली था। भाई-बहनों में सबसे छोटे किशोर कुमार बचपन से ही बहुत शरारती थे। उनकी पढ़ाई लिखाई इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज से हुई थी। उनके छात्र जीवन से जुड़ा एक किस्सा बड़ा ही दिलचस्प है। पढ़ाई के दौरान किशोर कुमार कैंटीन में उधार में ही खाना खाते थे। एक बार उनका यह उधार 5 रुपए से 12 रुपए तक पहुंच गया था। इसके बाद जब भी कैंटीन मालिक उनसे पैसे मांगता था तो किशोर गिलास और चम्मच बजाते हुए अलग-अलग स्टाइल से गाना गाकर उनकी बातों को अनसुना कर देते थे। इस गाने का इस्तामाल उन्होंने बाद में भी किया था।
किशोर कुमार फीमेल वॉयस में भी गा लेते थे गाना
किशोर एक अच्छे सिंगर थे ही साथ ही एक्टिंग में भी पीछे नही थे। और हैरान करने वाली बात ये है कि वे महिला गायक की आवाज में भी गा सकते थे। साल 1962 की फिल्म ‘हाफ टिकट’ का गीत ‘आके सीधी लगी दिल पे जैसी’ को किशोर कुमार ने मेल और फीमेल दोनों ही आवाजों में गाना गाया और इसमें सबसे खास बात यह थी कि उन्होंने इस गाने को एक बार में ही रिकॉर्ड कर लिया था और ये गाना सुपरहिट साबित हुआ था।
मस्तमौला थे किशोर कुमार
किशोर कुमार बहुत ही मूडी किस्म के इंसान थे। जब उनका मन होता वह एक बार में गाना रिकॉर्ड कर लिया करते थे लेकिन मन न होने पर कितने भी पैसे दिए जाएं वह नहीं गाया करते थे। एक दिलचस्प किस्सा बताया जाता है कि उन्होंने ने एक बार दोस्त से कहा की देख जब हम मरने वाले होंगे तब सारा पैसा अपने सीने पर बांध लेंगे तब मरेंगे।
किशोर कुमार ने घर के बाहर लगाया था ये खास बोर्ड
ये बताया जाता है कि किशोर कुमार ने अपने घर के गेट पर एक साइन बोर्ड लगाया हुआ था, जिस पर लिखा था, “बिवेयर ऑफ किशोर”। इससे जुड़ा एक किस्सा भी चर्चित में है कि जब निर्माता-निर्देशक एचएस रवैल उनके घर में से वापस उनसे मिलकर बाहर निकल रहे थे तभी किशोर ने उनका हाथ काट लिया, जब रवैल ने पूछा तो किशोर ने जवाब दिया था कि मेरे घर में घुसने से पहले आपको बोर्ड देखना चाहिए था।
किशोर कुमार का निधन
बहुत कम ही लोग जानते हैं कि, उनके बड़े भाई अशोक कुमार के जन्मदिन के दिन ही किशोर का निधन हुआ था। 13 अक्टूबर 1987 को अशोक कुमार ने अपने जन्मदिन की पार्टी रखी थी। इस पार्टी में कई बड़ी हस्तियों ने शिरकत की थी लेकिन इसी शाम को किशोर कुमार ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। इसके बाद अशोक कुमार ने अपना जन्मदिन कभी नहीं मनाया। किशोर म्यूजिक इंडस्ट्री का एक ऐसा सितारा थे जिनके गाने आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं। ‘मेरे महबूब कयामत होगी’, ‘मेरे सामने वाली खिड़की में’, ‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू’ जैसे सदाबहार गीत आज भी सबसे ज्यादा सुने जाते हैं।
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